Sunday 25 August 2013

एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आईएफडब्ल्यूजे) के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण खारीवाल को इकाईयां भंग करने का अधिकार नहीं खारीवाल ने की प्रदेश की समस्त इकाईयां भंग की

एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आईएफडब्ल्यूजे) के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण खारीवाल को इकाईयां भंग करने का अधिकार नहीं
खारीवाल ने की प्रदेश की समस्त इकाईयां भंग की 

भोपाल से दिवाकर गुप्ता की खबर 
08305703436

भोपाल। एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आईएफडब्ल्यूजे) के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने आई. एफ. डब्ल्यू. जे. के राष्ट्रीय सचिव कृष्णमोहन झा की सहमति से प्रदेश की पूर्व की जिला एवं संभाग की इकाईयों को भंग कर दिया है। अब प्रदेश में नए सिरे से तहसील, जिला एवं संभाग इकाईयों का गठन किया जाएगा।
इस तीन लाइन को जरा गौर से पढ़कर समझ लें. प्रदेश में (आईएफडब्ल्यूजे) के नए प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने जिला एवं संभाग की सभी इकाईयों को भंग कर दिया है।

तौबा तौबा अब एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आईएफडब्ल्यूजे) के चुने हुए पदाधिकारी भी धूल चाटते नज़र आयेगे खबर है कि पिछले दिनों भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के चुनाव हुए. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामगोपाल शर्मा और सदस्यता अभियान का संयोजक वरिष्ठ पत्रकार सतीश सक्सेना ने भोपाल में पत्रकारों की सदस्यता की और सेकड़ो पत्रकारों से फार्म भरवा लिए गए और फिर सूची बनाकर दिल्ली तक पहुचाई गई, पत्रकारों से फार्म भरवाने में भोपाल के कई पत्रकारों ने अहम् भूमिका निभाई, सूची को भोपाल पत्रकार भवन में चस्पा किया गया और फिर चुनाव प्रक्रिया अपनाई गई, चुनाव प्रभारी अवधेश भार्गव और प्रेम नारायण प्रेमी को बनाया गया और विधिवत निर्वाचन किया गया, इस चुनाव में निर्विरोध अध्यक्ष रमेश तिवारी को चुना गया, अध्यक्ष रमेश तिवारी भी लग्जरी गाड़ी में ढोल धमाके के साथ पत्रकार भवन परिसर में आये और पद ग्रहण किया, लगा भोपाल में पत्रकारों की तूती बोलेगी। अब विधिवत चुनाव हुए है. परन्तु फिर वही जिसको डपली दी वोही अपना राग गाने लगा। अब प्रश्न उठता है कि क्या मनोनित प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित पदाधिकारियों की इकाई को भंग कर सके। जबकि भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन एक स्वतंत्र इकाई है।

प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार सतीश सक्सेना को सदस्यता अभियान का संयोजक नियुक्त करते हुए नए सिरे से प्रभावी और पत्रकारिता को समर्पित पत्रकारों को जोडऩे और पुन: सदस्यता अभियान चलाकर नई इकाईयों के गठन की जिम्मेदारी सौंपी है। बस प्रदेश के पत्रकारों के पास यही काम बाकि रह गया है की वो अपनी सदस्यता कराये फिर उनकी सदस्यता निरस्त हो जाये, और सदस्यता निरस्त हो न हो किया फरक क्या पड़ता है इन लोगो ने तो पहले भी की गई सदस्यता धारको को कोई आई कार्ड भी इशू नहीं किया। सब घर घर में होता रहा और करीब 350 पत्रकारों बेवकूफ बन गए।

एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की नई नियुक्तियो को एक विरोधी मानसिकता के संगठन अवैध बता रहा है. इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की प्रदेश इकाई पुनः गठन प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल एवं प्रांतीय महामंत्री रवीन्द्रं पंचोली एवं फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव कृष्णमोहन झा के नेतृत्व में किया जा रहा है। प्रदेश के सभी वर्किंग जर्नलिस्टों से एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने के सभी संभागों, जिलों, तहसील में इकाईयां गठित की जाने की अपील की है। राष्ट्रीय सचिव कृष्णमोहन झा ने जो मध्यप्रदेश में नियुक्तिया की है इनका मानना है की सभी अवैध है और ये नियुक्त पदाधिकारी को भोपाल और प्रदेश की किसी भी इकाई को भंग करने का अधिकार भी नहीं है जो नए प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने किया है। साथ ही वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के मिलते जुलते नाम वालों के सावधान किया है, वाही कामरेट विक्रम राव के संगठन के दवारा की जाने वाली नियुक्तियो अवैध ठहराने में लगा हुआ है.

भोपाल वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के भोपाल चुनाव के प्रभारी रहे अवधेश भार्गव से बात की तो उन्होंने स्पष्ट किया की जो भी घोषणा प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल दवारा की गई है वो विधि विरुद्ध है इस पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है। क्योकि उनको यह अधिकार नहीं है की वो किसी स्वतंत्र इकाई को भंग कर सके।

Friday 23 August 2013

स्वतंत्रता दिवस समारोह जनसंवेदना परिसर में जश्न मनाने का नहीं “चिंतन” का समय है: रामगोपाल शर्मा

स्वतंत्रता दिवस समारोह जनसंवेदना परिसर में
जश्न मनाने का नहीं
“चिंतन” का समय है: रामगोपाल शर्मा
भोपाल आज का दिन जश्न मनाने का नहीं अपितु देश के लिये चिंतन का दिवस है। आज सभी राजनेति
क- दलों, चिंतकों विचारकों एवं जिनके हाथों में सता के सूत्र हैं। उन्हें इस बात का चिंतन करना चाहिये कि हमने आजादी के इन 66 वर्षों में क्या किया?
उक्त विचार वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री रामगोपाल शर्मा ने आज जन संवेदना के मुख्य कार्यालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के पष्चात् व्यक्त किये।
श्री शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और अविश्वास जनजीवन का अंग बन गया है इसके लिये हम सभी दोषी हैं। आज देश का दुर्भाग्य है कि देश की सन्ता के सूज जिन हाथों में हैं वे अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिये पूरे देश को भ्रम में डाल कर रखना चाहते हैं। न्याय पालिका को छोड़ दे तो अन्य एजेंसिया संदेह के घेरे में हैें, केन्द्र और राज्य सरकारों में खुले आम लूट मची हुई है कोई इस व्यवस्था पर अंगुली उठाता है तो उसको घरातल गिरवा दिया जाता है।
हर क्षेत्र का अव मूल्यन यह संकेत दे रहा है कि हमारा देश अब वैचारिक आधार को और नागरिक बोध के बिना आगे नहीं बढ़ सकेगा-आर्थिक स्थिति दिनों दिन चरमरा रही है-अकृत कालाधन बाहर नहीं आ रहा।
समाचार सम्प्रेषण अब स्वतंत्र नहीं रह गया है- पूंजी पतियों के हाथ में मीडिया का प्रमुख आ गया है संपादन नाम की प्रक्रिया में व्यवस्था (मार्केटिंग) लागू हो गई है। पत्रकारिता के मानदंड बदल गये हैं- आज का संपादक मैनेजर हो गया है। ट्रेड यूनियन मूवमेंट अब समाषित पर है, संपादकों की नियुक्तियां अनुबंध आधारित हो गई हैं। जो जहां है वहां अपने स्वार्थ में लिप्त है।
आज महात्मा गांधी , नेहरू, बोस तथा शहीदों की कुर्बानियां केवल औपचारिकता बन कर रह गई है।
इसके पूर्व, विभिन्न शालाओं के छात्र छात्राओं ने झंडावंदन के अवसर पर राष्ट्रगीत के साथ देश भक्ति के तरानों का गायन किसा।
जनसंवेदना के सूत्रधार संचालक श्री राधेश्याम अग्रवाल जी ने इस अवसर पर जनसंवेदना द्वारा विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने घोषणा की कि अब जन संवेदना अनाथ, गरीबों, बेसहारा लोगों के भोजन वितरण के साथ 5 रूपये मात्र में भोजन उपलब्ध करायेगी तथा राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में संस्था के स्वचालित वाहन मौजूद रहेंगे।
कार्यक्रम में विशेष रूप से इस अवसर मो. तारिक, श्री मनमोहन कुरापा, सुयश कुलश्रेष्ठ, मनोज चतुर्वेदी, आलोक गुप्ता,डाॅ कमलेन्द्र सविता, डाॅ कुसुम सविता,
करण सहगल , रामकिशोर मालवी, सहित जनसंवेदना के कार्यकर्ता सीमा कुशवाह, प्रिया गुप्ता , कु. मीना और स्कूली बच्चे उपस्थित थे। इस अवसर पर बच्चों को भोजन एवं मिठाई वितरित की गई।




आर.एस अग्रवाल
9826013975

Wednesday 21 August 2013

लघु एवं मध्यम मीडिया केन्द्र सरकार से नाराज :

लघु एवं मध्यम मीडिया केन्द्र सरकार से नाराज : मीडिया की नाराजी भारी पड़ेगी कांग्रेस को :  नई दिल्ली। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि स्वतंत्रता दिवस पर डीएवीपी के विज्ञापन लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को नहीं मिले। डीएवीपी अभी तक समाचार पत्र और पत्रिकाओं को जो पंजीयत होते थे। स्वतंत्रता एवं गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शन विज्ञापन जरूर करते थे। इस बार १५ अगस्त का विज्ञापन जारी नहीं करने से ही बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया मीडिया जगत में हुई।
लघु एवं मध्यम श्रेणी के समाचार पत्रों के साथ एन.डी.ए सरकार की तत्कालीन सूचना प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने डीएवीपी से बाहर करने तथा नवीनीकरण में परेशान करने के कारण मीडिया में इस तरह का प्रभाव पड़ा कि फील गुड होते हुए भी अटल जी की सरकार को पराजय झेलना पड़ी।

उस समय भी सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने सुषमा स्वराज को गुमराह किया था। लोकसभा चुनाव के जब ६ माह शेष रह गए उसके पूर्व १५ अगस्त पर लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को विज्ञापन जारी न करके सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सारे मीडिया को सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है। लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के संचालकों के अनुसार डीएवीपी के कुछ अधिकारियों की मीडिया हाऊस की मिलीभगत से लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों का बजट सुनयोजित रूप से कारपोरेट मीडिया को ट्रांसफर कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। डीएवीपी में कारपोरेट मीडिया हाउस के दबाब में विगत १ वर्ष से निर्णय लेने के कारण केन्द्र सरकार का प्रचार प्रसार का खर्च केवल नगरीय क्षेत्रों तक सीमित होकर रह गया।

सरकार की उपलब्धियों और सूचनाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार डीएवीपी भ्रष्टाचार में इस कदर डूबा है कि सरकार की छवि सुधारने की बात तो दूर, खुद सरकार की साख पर धब्बा बन गया है। ये भ्रष्ट अधिकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री तक को गुमराह कर मीडिया को सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है। यहां तक कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस का विज्ञापन भी कुछ समाचार पत्रों को देकर इति-श्री कर ली जबकि आजतक आजादी का यह विज्ञापन सभी समाचार पत्र-पत्रिकाओं को मिलता रहा है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के विज्ञापन डीएवीपी द्वारा ही जारी किये जाते हैं तथा इन विज्ञापनों को जारी करने हेतु समाचार पत्रों को सूचीबद्ध किया जाता है।

डीएवीपी से सूचीबद्ध समाचार पत्रों को विभिन्न मंत्रालयों-विभागों के विज्ञापन आवश्यकता अनुसार दिए जाते हैं तथा राष्ट्रीय अवसरों- स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, महात्मा गांधी जयंती व अन्य राष्ट्रीय महापुरूषों/नेताओं के विशिष्ट विज्ञापन सभी समाचार पत्रों को दिए जाते हैं। मगर इस वर्ष डीएवीपी के भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने उच्चाधिकारियों को उल्टी-सीधी जानकारी देकर स्वतंत्रता दिवस के विज्ञापन को चंद कारपोरेट समाचारपत्रों में देकर इति-श्री कर ली यह अधिकारी इसे आर्थिक सुधार का कदम बता रहे हैं मगर सच्चाई तो यह है कि डीएवीपी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की कारगुजारियों के कारण यह निदेशालय भ्रष्टाचार का बहुत बडा अड्डा बन गया है। यहां विज्ञापन देने वाले अधिकारी प्रतिमाह लाखों रूपये कमा रहे हैं और अपने चंद समय के कार्यकाल में करोडों की सम्पत्ति के मालिक बन गये हैं।
डीएवीपी की सूची में दर्ज सैकड़ों समाचार पत्रों को इस साल एक भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया। जबकि सरकार की पॉलिसी में ५० फीसदी बजट का हिस्सा मध्यम एवं लघु समाचार पत्रों के लिए अनिवार्य है। आसन्न लोकसभा चुनाव में डीएवीपी तथा संचार मंत्री की यह बेरूखी के कारण कांग्रेस अभी तक का सबसे बड़ा नुकसान स्वंय उठाने जा रही है। (साभार- लोकतेज)

हमारी तत्काल मांग यह है कि IBN 7 और CNN-IBN से निकाले गए पत्रकारों को वापस नौकरी पर रखा जाए.

हमारी तत्काल मांग यह है कि IBN 7 और CNN-IBN से निकाले गए पत्रकारों को वापस नौकरी पर रखा जाए.

-देश भर के मीडिया संस्थानों से निकाले जा रहे पत्रकारों का डाटाबेस तैयार करने की योजना है.

- मीडिया के मुद्दों पर लिखने-पढ़ने-बोलने वाले लोगों को इस पहल से जोड़ना.

- मीडिया संस्थानों के भीतर यूनियन बनाने के अधिकार की बहाली.

- सभी मीडिया हाउसों में श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए तुरंत वर्किंग जर्नलिस्ट ऐक्ट लागू करें.

- इन तमाम मुद्दों पर संबंधित संस्थानों/विभागों को ज्ञापन सौंपने के अतिरिक्त इन प्रश्नों के साथ छात्र संगठनों के    अलावा PUCL और PUDR जैसे संगठनों को जोड़ना प्रमुख है.

- अलग-अलग मीडिया संस्थाओं (मसलन BEA, NBSA, EDITORS GUILD, PRESS COUNCIL) से भी ऐसे हर मुद्दे पर न सिर्फ़ रायशुमारी की जाएगी बल्कि ऐसे हर मुद्दे पर उनके स्टैंड को लोगों के सामने लाया जाएगा.

घाटे का बहाना मालिकों की ओर से उछाला गया धोखा है...

घाटे का बहाना मालिकों की ओर से उछाला गया धोखा है...

घाटे का बहाना मालिकों की ओर से उछाला गया धोखा है...

IBN-7 और CNN-IBN से पत्रकारों को निकाले जाने का तर्क जो छन कर बाहर आ रहा है, वह यह है कि कंपनी घाटे में है. जबकि यह सरासर झूठ है. वित्त वर्ष 2012-2013 में टीवी-18 समूह को 165 करोड़ रुपए का सकल लाभ हुआ है जबकि बीते साल यही आंकड़ा 75.9 करोड़ रुपए का ही था. 2005 में 106 करोड़ रुपए वाली कंपनी का राजस्व इस समय 2400.8 करोड़ रुपए है। 24 गुना विस्तार पाने के बाद अगर मालिक (मैनेजमेंट) की तरफ़ से घाटे और कटौती की बात आ रही है तो झूठ और ठगी के अलावा इसे और क्या कहा जा सकता है. दूसरी बात यह कही जा रही है कि ट्राई ने अक्टबूर 2013 से एक घंटे में अधिकतम 10 मिनट व्यावसायिक और 2 मिनट प्रोमोशनल विज्ञापन दिखाने का दिशा-निर्देश दिया है. लिहाजा टीवी चैनल का राजस्व कम हो जाएगा. जबकि यह निर्देश 1994 के कानून के तहत ही है और इस निर्देश की समयसीमा टाल कर सितंबर 2014 कर दिया गया है. लिहाजा इन आधारों पर पत्रकारों को हटाना टीक नहीं है.

Tuesday 20 August 2013

पत्रकार संतोष जोशी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की गई

वीडियो पत्रकार संतोष जोशी
भोपाल 20 अगस्त 2013। पत्रकार संतोष जोशी के निधन पर भोपाल के पत्रकारों फोटोग्राफर एवं विभिन्न चैनलों के पत्रकारों की एम.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आई.एफ.डब्ल्यू.जे.) की संभागीय इकाई के तत्वाधान में राजेन्द्र कश्यप की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित की गई, जिसमें उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाष डालते हुए वक्ताओं ने उनके हंसमुख व्यवहार, कार्य के प्रति कर्मठता कुशलता एवं इलेक्ट्रिक मिडीया के क्षेत्र में अपनी विषिष्ट पहचान बनाने वाले संतोष जोशी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की। शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार के साथ महिला पत्रकार और पत्रकारिता विष्व वि़द्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस अवसर पर अपनी श्रद्वांजली अर्पित करते हुए स्वर्गीय जोशी जी के परिवार को इस दुख को सहन करने की हिम्मत प्रदान करने के लिये ईष्वर से प्रार्थना करते हुए दो मिनिट का मौन रखा।

वीडियो पत्रकार संतोष जोशी
भोपाल 20 अगस्त 2013। पत्रकार संतोष जोशी के निधन पर भोपाल के पत्रकारों फोटोग्राफर एवं विभिन्न चैनलों के पत्रकारों की एम.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आई.एफ.डब्ल्यू.जे.) की संभागीय इकाई के तत्वाधान में राजेन्द्र कश्यप की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित की गई, जिसमें उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाष डालते हुए वक्ताओं ने उनके हंसमुख व्यवहार, कार्य के प्रति कर्मठता कुशलता एवं इलेक्ट्रिक मिडीया के क्षेत्र में अपनी विषिष्ट पहचान बनाने वाले संतोष जोशी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की। शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार के साथ महिला पत्रकार और पत्रकारिता विष्व वि़द्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस अवसर पर अपनी श्रद्वांजली अर्पित करते हुए स्वर्गीय जोशी जी के परिवार को इस दुख को सहन करने की हिम्मत प्रदान करने के लिये ईष्वर से प्रार्थना करते हुए दो मिनिट का मौन रखा।

पत्रकार संतोष जोषी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की गई

पत्रकार संतोष जोषी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की गई

भोपाल। पत्रकार संतोष जोषी के निधन पर भोपाल के पत्रकारों फोटोग्राफर एवं विभिन्न चैनलों के पत्रकारों की एम0पी0वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आई0एफ0डब्ल्यू0जे0)की संभागीय इकाई के तत्वाधान में राजेन्द्र कष्यप की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित की गई,जिसमें उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाष डालते हुए वक्ताओं ने उनके हंसमुख व्यवहार,कार्य के प्रति कर्मठता कुषलता एवं इलेक्ट्रिक मिडीया के क्षेत्र में अपनी विषिष्ट पहचान बनाने वाले संतोष जोषी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की । शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार के साथ महिला पत्रकार और पत्रकारिता विष्व वि़द्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस अवसर पर अपनी श्रद्वांजली अर्पित करते हुए स्वर्गीय जोषी जी के परिवार को इस दुख को सहन करने की हिम्मत प्रदान करने के लिये ईष्वर से प्रार्थना करते हुए दो मिनिट का मौन रखा ।

पत्रकार संतोष जोषी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की गई

 पत्रकार संतोष जोषी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की गई 

भोपाल। पत्रकार संतोष जोषी के निधन पर भोपाल के पत्रकारों फोटोग्राफर एवं विभिन्न चैनलों के पत्रकारों की एम0पी0वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (आई0एफ0डब्ल्यू0जे0)की संभागीय इकाई के तत्वाधान में राजेन्द्र कष्यप की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित की गई,जिसमें उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाष डालते हुए वक्ताओं ने उनके हंसमुख व्यवहार,कार्य के प्रति कर्मठता कुषलता एवं इलेक्ट्रिक मिडीया के क्षेत्र में अपनी विषिष्ट  पहचान बनाने वाले संतोष जोषी को भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित की । शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार के साथ महिला पत्रकार और पत्रकारिता विष्व वि़द्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस अवसर पर अपनी  श्रद्वांजली अर्पित करते हुए स्वर्गीय जोषी जी के परिवार को इस दुख को सहन करने की हिम्मत प्रदान करने के लिये ईष्वर से प्रार्थना करते हुए दो मिनिट का मौन रखा ।

Monday 19 August 2013

वीडियो पत्रकार संतोष जोशी का निधन

वीडियो पत्रकार संतोष जोशीमीडिया जगत ने शोक जताया
भोपाल 19 अगस्त 2013। वीडियो पत्रकार संतोष जोशी का निधन हो गया। वे पिछले 20 दिनों से स्वाईन फ्लू से पीडि़त थे। अरेरा कॉलोनी के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां उन्होंने उपचार के दौरान अंतिम सांस ली।
इलेक्ट्रानिक मीडिया में लम्बे समय से कार्यरत वरिष्ठ कैमरापर्सन संतोष जोशी अब इस दुनिया में नहीं रहे। अपनी कुशल वीडियोग्राफी से लोगों के बीच खास पहचान बनाने वाले वीडियो पत्रकार के निधन पर मीडिया जगत ने दुःख व्यक्त किया है। संतोष जोशी स्वाईन फ्लू से पीडि़त थे जिनका उपचार अरेरा काॅलोनी के निजी अस्पताल में चल रहा था। पिछले 20 दिनों से जिंदगी और मौत से जूझते हुए वीडियो पत्रकार संतोष जोशी ने सोमवार शाम अंतिम सांस ली।
जैसे ही लोगों को इनके निधन का समाचार मिला अस्पताल के बाहर भीड़ लग गई। मंगलवार सुबह 10 बजे भदभदा विश्रामघाट पर वरिष्ठ कैमरा पर्सन संतोष जोशी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले अरेरा काॅलोनी से बाणगंगा प्रताप नगर होते हुए शवयात्रा रवाना होगी। अपनी व्यवहार कुशलता, कर्मठता और कार्यशैली के लिए संतोष जोशी हमेशा याद किये जाते रहेंगे।