Monday 14 July 2014

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मजीठिया के लिए गुजरात भास्कर कर्मी पहुंचे हाई कोर्ट, 14 जुलाई को होगी सुनवाई July 12, 2014.
गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिए मजीठिया पर सोमवार को सुनवाई के आदेश
चीफ रिपोर्टर सहित 10 रिपोर्टरों ने लगाई है याचिका
अहमदाबाद। सुब्रत राय सहारा की तर्ज पर बहुत जल्दी देश के सबसे बड़े अखबार समूह के मालिक सुधीर अग्रवाल उनके पिता रमेशचंद्र अग्रवाल भाई पवन अग्रवाल, गिरीश अग्रवाल पर भी कानून का शिकंजा कस सकता है। अपनी कंपनी के कर्मचारियों को मजीठिया नहीं देने और जबरन घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कराने का मामला गुजरात हाई कोर्ट पहुंच गया है। शुक्रवार को माननीय चीफ जस्टिस भास्कर भट्टाचार्य ने याचिक नंबर SCA– 9745/14 (prashant arun dayal & 10 others vs DB Corp.ltd) पर सुनवाई करते हुए मामले को आगे की सुनवाई के लिए एक सिंगल बेंच को सौंपने का आदेश हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को दिया है। सोमवार यानी 14 जुलाई को सिंगल बेंच याचिका पर सुनवाई करेगी। सिंगल बेंच के आदेश/फैसले पर पूरे देश के पत्रकारों की नज़र रहेगी।
क्या है मामलाः
दैनिक भास्कर ने सभी कर्मचारियों से हाल ही में एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कराएं है जिसमें लिखा गया है कि वे मजीठिया आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन नहीं चाहते। हस्ताक्षर न करने पर कई कर्मचारियों को इतना अधिक प्रताड़ित किया गया कि उन्हें हार कर हस्ताक्षर करने ही पड़े। हस्ताक्षर में आना-कानी करने वाले कई राज्यों के कर्मचारियों को दूरस्थ प्रदेशों में ट्रांसफर कर दिया गया। अहमदाबाद के 11 जांबाज रिपोर्टर इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हो गए। इनका ट्रांसफर किया गया तो सभी ने एकजुटता का परिचय दिखाते हुए नई जगह जाने से न सिर्फ इंकार कर दिया बल्कि तुरंत हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए प्राथमिकता से याचिका को न सिर्फ सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
डीबी कॉर्प के मालिकान पर कार्यवाई होना इसलिए तय माना जा रहा है क्योंकि मामला पूरी तरह से आर्थिक घपलेबाजी का है। ये न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना से जुड़ा है बल्कि उन 10 हजार कर्मचारियों के हक के करोड़ों रुपए डकारने का भी है जिनके दम पर भोपाल से शुरु हुआ यह समाचार पत्र आज अरबों रुपए का कारोबार कर रहा है। जिसने पॉवर सेक्टर से लेकर एविएशन तक में भास्कर के इन्ही कर्मचारियों के दम पर बटोरा हुआ पैसा लगा दिया। कानूनी पचड़ो के चलते डीबी कार्प प्रा.लि के शेयर भी आने वाले दिनों में काफी नीचे गिरने की संभावना मार्कट से जुड़े हुए लोग बता रहे हैं। वैसे भी आईपीओ के दौरान जिन लोगों ने उंचे दामों पर शेयर खरीदे थे वो आज भी जीरो प्रतिशत प्रॉफिट में चल रहे है। ऐसे में निवेशकों को इस केस से तगड़ा झटका लग सकता है। जानकार बता रहे है कि जिस प्रकार कोर्ट ने खरबों की संपत्ति के मालिक सुबत रॉय सहारा का कोर्ट की अवमानना पर हश्र किया है वह हाल डीबी कॉर्प के मालिकान का भी हो सकता है जिन्होंने हस्ताक्षर कराने के लिए कर्मचारियों को धमकाया था।
यकीन मानिए इस केस में फैसला हो गया तो पूरे देश के मीडिया मालिकों के होश उड़ जाएंगे और कर्मचारियों के हक़ का पैसा उनके खाते में पहुंच जाएगा।
हौसला बढ़ाने के लिए याचिकाकर्ता रिपोर्टर संघ की मदद करें- #098250-47682
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।bhopal reporter

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