भोपाल। इंडियन फेडरेषन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्टस की प्रांतीय इकाई से संबंद्ध वर्किंग जर्नलिस्टस यूनियन भोपाल के अध्यक्ष राजेन्द्र कष्यप की अध्यक्षता मंे सेन्ट्रल इंडिया के सबसे अधिक प्रसारित होने वाले प्रसिद्ध समाचार पत्र द हितवाद में कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवं वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय यषवन्त अरगरे जी की पुण्यतिथी के अवसर पर आयोजित बैठक में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाष डालते हुए उनको भावभीनी श्रद्धाजंली अर्पित की गई।
आई0एफ0डब्ल्यू0जे0 के कर्मठ सदस्य रहते हुए पत्रकार भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तथा देष के विभिन्न प्रांतो मे आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलनांे में उन्होंने वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल का प्रतिनिधित्व किया,प्रदेष में पत्रकारों के आंदोलनांे में उनकी भूमिका अग्रणी रही। 1973 में पत्रकारों की स्वतंत्रता पर आघात करने वाले बिहार प्रेस विधेयक के विरोध में मध्य प्रदेष की कमान उनके हाथों थी । पत्रकारों के हित के लिये शासन से वे सतत् निर्भिक संघर्ष करते रहे। एकबार बैरागढ़ हवाई अड्डे पर पत्रकारों से दुव्र्यवहार के विरोध करने पर मध्य प्रदेष के तत्कालीन मुख्य मंत्री श्यामाचरण शुक्ला,जिला प्रषासन एवं जिला पुलिस ने उनके मुख्य निवास पर उनसे क्षमायाचना भी की थी।
पारस की कलम से लिखे जिनके स्वर्णाक्षर आज भी काल के कपाल पर जगमगा रहे हैं।
इस अवसर पर श्रीमती पूनम कुलकर्णी, जवाहर सिंह, अनिल शर्मा, जयंत सिंह आदि उपस्थित थे।
रोहन सिंह कार्यालय सचिव वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल
त्रकार भवन को लेकर जो खबर आ रही है वह वास्तविक्ता से परे है।आप सभी यह बात जानते है कि पत्रकार भवन आई.एफ.डब्लू.जे. की राज्य इकाई की जिला इकाई की सम्पत्ति है। निश्चित रूप से हम सभी चाहते है कि पत्रकार भवन का स्वरूप बदले और यह पत्रकारों के लिये उपयोगी हो पर इसका स्वरूप कैसा होगा? क्या इसमें सरकार की भूमिका होगी? यह सब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के.विक्रम राव और राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पांडे जी के साथ हम सभी तय करेंगे।प्रदेश के सभी संगठन से जुडे लोगों से प्रार्थना है कि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाना वाली कहावत को चरितार्थ ना करें।कल मुख्यमंत्री से एक प्रतिनिधी मंडल मिला था उस मुलाकात के बाद जो खबर बाहर आई है वह पूरी तरह मिथ्या है मुख्यमंत्री ने कोई आश्वासन नही दिया है ना ही किसी को बधाई दी है उन्होने यह बात जरूर कही है कि पत्रकार भवन को लेकर काफी विवाद है साथ ही उन्होने आयुक्त जनसंपर्क से इस प्रस्ताव पर बात करने को कहा है।मुझे विधानसभा में यह बताया गया था कि पत्रकारों से जुडे मामलों पर मुख्यमंत्री से चर्चा करना है इस नाते मै वहां गया था मै वहाIFWJ के प्रतिनिधी के तौर पर भी नही गया था एक पत्रकार होने के नाते मै उस प्रतिनिधी मंडल में था। माननीय शारदा जी और उनके साथियों ने जो ज्ञापन वा प्रस्ताव सौपा है उससे मै सहमत नही हूं। आई.एफ.डब्लू.जे के राष्ट्रीय सचिव होने के नाते मै विश्वास दिलाता हू कि जो भी निर्णय हमारा शीर्ष नेत्रत्व लेगा वह पत्रकारों के हित में होगा।