क्वीन ऑफ कन्ट्रोवर्सी ” के पत्रकार को शिव सरकार ने मकान से किया बेदखल
मध्यप्रदेश की चर्चित और विवादास्पद महारानी साधना सिंह पर एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार को आर्टिकल लिखना भारी पड़ गया । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार.......
See & read more : http://wp.me/p3Evrm-55dमध्यप्रदेश की चर्चित और विवादास्पद महारानी साधना सिंह पर एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार को आर्टिकल लिखना भारी पड़ गया । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने उक्त पत्रकार को मकान से बेदखल करने का नोटिस प्रदेश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर में अंदर के पन्नों पर प्रकाशित करवा दिया । उक्त पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने आर्टिकल में इस बात का विशलेषण कर दिया था कि प्रदेश के सबसे चर्चित घोटालों ड़पर कांड़ , व्यापम घोटाले , माईनिंग घोटाले में आखिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान का नाम बार बार क्यों आ रहा हैं ? इसके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह , दिग्विजय सिंह की पत्नी का नाम किसी घोटाले में क्यों नहीं आया ।
मध्यप्रदेश की चर्चित और विवादास्पद महारानी साधना सिंह पर एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार को आर्टिकल लिखना भारी पड़ गया । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार.......
See & read more : http://wp.me/p3Evrm-55dमध्यप्रदेश की चर्चित और विवादास्पद महारानी साधना सिंह पर एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार को आर्टिकल लिखना भारी पड़ गया । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने उक्त पत्रकार को मकान से बेदखल करने का नोटिस प्रदेश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर में अंदर के पन्नों पर प्रकाशित करवा दिया । उक्त पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने आर्टिकल में इस बात का विशलेषण कर दिया था कि प्रदेश के सबसे चर्चित घोटालों ड़पर कांड़ , व्यापम घोटाले , माईनिंग घोटाले में आखिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान का नाम बार बार क्यों आ रहा हैं ? इसके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह , दिग्विजय सिंह की पत्नी का नाम किसी घोटाले में क्यों नहीं आया ।
गौरतलब हैं कि राजधानी से प्रकाशित हिन्दूस्तान टाइम्स में कार्यरत आशुतोष शुक्ला ने 13 जुलाई 2014 के अंक में “ क्वीन ऑफ कन्ट्रोवर्सी ” लेख प्रकाशित किया था । उक्त लेख सरकार को नागवार गुजरा । मध्यप्रदेश शासन के संपदा विभाग ने कुछ ही दिनों बाद श्री शुक्ला के सरकारी आवास एफ- 119/52 पर नोटिस चिपका दिया । शुक्ला को आवंटित सरकारी आवास कंड़म हालत में हैं और वे काफी लंबे समय से सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उक्त आवास बदल दिया जाए । मजबूरन श्री शुक्ला काफी लंबे समय से किराये के आवास में रह रहे हैं । इस नोटिस को लेकर जब उन्होंने जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त एस के मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि अब तक जो हो गया तो हो गया । आगे से नहीं होगा । श्री शुक्ला ने बताया कि जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने एक फार्म भरने के लिए दिया था जो मैंने भरकर जमा कर दिया था । उस वक्त भी मैंने आवास बदलने की रिक्वेस्ट की थी । कुछ दिनों बाद फिर घर खाली करने का नोटिस चिपका दिया , जबकि गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता के कार्यकाल के दौरान वेरिफिकेशन भी करवाया गया था । मैने फिर जनसंपर्क आयुक्त एस के मिश्रा से बात की तो उन्होंने फिर आश्वस्त किया कि सब ठीक हो जाएगा ।
अब हाल ही में भोपाल से प्रकाशित दैनिक भास्कर के 18 अप्रैल के अंक में संपदा विभाग ने विग्यापन प्रकाशित करवाया हैं ( देखें चित्र ) । जिसमें आशुतोष शुक्ला को मकान से बेदखल करने की कार्यवाही के बारे में बताया गया है ।
इस पूरे मामले पर हिन्दुस्तान टाइम्स के पत्रकार आशुतोष शुक्ला का कहना हैं कि जनसंपर्क आयुकत के आश्वासन के बाद भी मुझे बार बार नोटिस देने की वजह क्या हैं ? बहुत सारी संस्थाए , व्यक्ति सरकारी मकानों में रह रहे हैं क्या उनके खिलाफ विग्यापन सरकार ने अखबारों में प्रकाशित करवाए । एक पत्रकार का घर सील किया गया है क्या मुख्यमंत्री या जनसंपर्क आयुक्त की सहमति के बिना यह संभव हैं । अगर सिर्फ मुझ पर कोई एक्शन होता हैं तो इसका मतलब हैं कि सरकार सिर्फ मुझे डराना चाहती हैं । मैं किसी के खिलाफ नहीं और न ही में किसी के पक्ष में हुँ । जो पत्रकारिता के सिध्दांत और अभिव्यक्ती की स्वतंत्रता है मैं उसके अनुरुप कार्य कर रहा हुँ ।
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