Saturday 11 January 2014

लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के संचालको ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के संचालको ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के लिए घोषित नई
विज्ञापन नीति को लेकर इन समाचार पत्रों के संचालक एवं संपादको ने शनिवार
को विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनके प्रमुख सचिव
मनोज श्रीवास्तव से मुलाकात कर लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी आदेश को
निरस्त करने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल ने जनसंपक मंत्री
राजेन्द्र शुक्ल से भी इस संबंध में चर्चा की।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मीडिया जगत में बेहतर संवाद एवं
समभाव का वातावरण बनाना चाहते हैं वहीं कुछ नौकरशाहों ने मिलकर मप्र की
अपनी ही सरकार के जनसपंर्वâ नीति के विरुद्ध कार्य कर भ्रष्टाचार को
बढ़ावा दिया जा रहा है।जुलाई २०१३ में एक ऐसा आदेश जारी किया गया, जिससे
मप्र के करीब ५०० मध्यम एवं लघु दैनिक समाचार पत्र संस्थाओं के विज्ञापन
बंद करके मात्र २ चयनित समाचारों को देकर विभागीय कार्यो में
प्रचार-प्रसार को नकारा जा रहा है। नई नीति के अनुसार लोक निर्माण विभाग
से संबंधित निविदाओं के विज्ञापन प्रदेश के केवल २ या ३ दैनिक समाचार
पत्रों में ही प्रकाशित होंगे। जबकि अभी तक ये विज्ञापन प्रदेश के ५०० से
अधिक दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होते थे और निविदाओं में
पारदर्शिता रहती थी, राज्य सरकार की स्वयं की जनसंपर्क नीति जिसमें
विज्ञापन का ५० प्रतिशत अंश मध्यम एवं लघु दैनिक समाचार पत्रों को दिया
जाता था, उसे समाप्त कर दिया है। लोक निर्माण विभाग की नई नीति से २०
हजार से अधिक समाचार पत्र से जुड़े परिवारों की जिंदगी पर कुठाराघात किया
जा रहा है। इस नीति के लागू होते ही प्रदेश के ५०० से अधिक समाचार पत्रों
में भारी असंतोष है। मध्यम एवं लघु समाचार पत्रों के संचालक एवं संपादकों
का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य मंत्री के अलावा जनसंपर्वâ मंत्री से आज मिला
और अपनी समस्या से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रमुख
सचिव मनोज श्रीवास्तव से भी मुलाकात की।

उन्हें बताया कि प्रदेश केसैकड़ों मध्यम एवं लघु समाचार पत्रों का अस्तित्व खतरे में है।
प्रतिनिधिमंडल ने १० जनवरी को विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर
मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौपा। प्रतिनिधि मंडल ने यह कहा कि विज्ञापनों
में एकाधिकार का लाभ समूह विशेष को पहुंचाने तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा
देने वाला निर्णय है। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि
वह जल्द ही संबंधित अधिकारियों से चर्चा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में
स्वदेश समूह के राजेन्द्र शर्मा देशबंधु के संचालक पलास सुरजन, राष्ट्रीय
हिन्दी मेल के विजय कुमार दास, जबलपुर एक्सप्रेस के सनत जैन, नई दुनिया
के अपूर्व तिवारी, अमृत दर्शन के डीपी गोयल, अग्निपथ के सुनील सिंह तथा
एक्सप्रेस न्यूज के संचालक अंकित जैन, मंध्याचल उज्जैन के ललित श्रीमाल,
जयलोक जबलपुर के अजित वर्मा, देशबंधु जबलपुर के दीपक सुरजन, एक्सप्रेस
न्यूज समूह के अंकित जैन, प्रदेश टाईम्स भोपाल के जगदीश ज्ञानचंदानी,
अग्निपथ भोपाल के सुनील सिंह, इंदौर समाचार के हिरदेश सचदेवा, नई विधा
नीमच के राजेश मानव, जबपलुर जनपक्ष के विकल्प शुक्ला, फाइन टाइम्स के
अशोक गिहानी, उर्दू एक्शन के माजिद हुसैन नवप्रभात भोपाल के आदित्य
नारायण उपाध्याय, सत्तासुधार ग्वालियर के गोपाल श्रीवास्तव, राष्ट्रीय
जनादेश बैतूल के मयंक भार्गव, आचरण सागर के पुष्प राज पुरोहित, मध्यराज
मुरैना के राजीव सिकरवार, आचरण ग्वालियर के नासिर हुसैन सहित प्रदेश भर
सेआये १५० से अधिक समाचार पत्रों के मालिक शामिल थे।

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