Wednesday, 1 April 2015

बदनाम भवन धमाके से उड़ाओ,पत्रकारों ने दी सरकार को हरी झंडी

बदनाम भवन धमाके से उड़ाओ,पत्रकारों ने दी सरकार को हरी झंडी

ब्लैकमेलरों की संपत्तियों की जांच करवाकर जेल भेजा जाए,सरकारी मकान भी खाली हो
भोपाल,31मार्च। मालवीय नगर स्थित पत्रकार भवन सरकार को सुपुर्द करने के बाद पत्रकारों में नया भवन बनाए जाने की बेसब्री इतनी ज्यादा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट करके अनुरोध किया कि पुराने भवन को डायनामाईट लगाकर उड़ा दिया जाए।इस जगह को विस्तार देकर यहां दुबई के समान भव्य इमारत बनाई जाए जो मध्यप्रदेश की शान हो। इस इमारत का इस्तेमाल व्यवसायिक तौर पर किया जाए ताकि इससे सरकार का खजाना भी भरा जा सके और पत्रकारों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त संवाद केन्द्र बनाया जा सके। यह भवन सरकार और प्रदेश की जनता के बीच स्वस्थ संवाद स्थापित करेगा। यही नहीं पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस पुनीत कार्य में अडंगा लगा रहे ब्लैकमेलरों की संपत्तियों की जांच करवाकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में उन्हें जेल भेजा जाए।इस दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और मुख्यमंत्री के सचिव व जनसंपर्क आयुक्त एस.के.मिश्रा भी उपस्थित थे।
बिरादरी की बदनामी से नाराज पत्रकारों ने कहा कि जिन ब्लैकमेलरों की हायर सेकेन्डरी की मार्कशीट तक नहीं है उन्हें कांग्रेस की सरकारों ने सरकारी मकान आबंटित कर दिया था,ऐसे पत्रकारों के मकान खाली कराए जाएं और उन्हें पत्रकारिता से बेदखल किया जाए। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से कहा कि जन प्रतिनिधियों को पांच साल बाद चुनावों का सामना करना पड़ता है लेकिन पत्रकार भवन पर कब्जा जमाने वाले बीस सालों से यहां जमे बैठे हैं।इतने सालों में उन्होंने सरकारी अफसरों, आम जनता और यहां तक कि सरकार तक को ब्लैकमेल करके करोड़ों रुपयों की संपत्तियां जुटा लीं हैं। ये ब्लैकमेलर करोड़पति बन गए हैं इसके बाद भी सरकारी मकानों पर कब्जा जमाए बैठे है। कांग्रेस की भ्रष्ट सरकारों ने कई ऐसे लोगों को सरकारी मकान आबंटित कर रखे हैं जिनके पास हायर सेकेण्डरी तक की मार्कशीट नहीं है। इन लोगों पर हजारों रुपयों का किराया भी बाकी है जिसे तत्काल वसूला जाए। अब तक की सरकारों को ये ब्लैकमेलर पत्रकारों के नाम पर धमकाते रहे हैं लेकिन अब इनकी हैसियत लोगों के सामने आ गई है।
जब मुख्यमंत्री ने ऩए भवन के निर्माण के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं में लगने वाले समय का उल्लेख किया तो पत्रकारों ने उनसे कहा कि पुराने भवन के खिड़की दरवाजे उखड़वाकर उसे धराशायी करने की प्रक्रिया तत्काल की जानी चाहिए। पत्रकारों ने कहा कि जब किसी एक्सीडेंट में मृत व्यक्ति की देह को सड़क पर रखकर लोग प्रदर्शन करते हैं तो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार पुलिस अंतिम संस्कार करवाकर लोगों को शांत करती है। इसी तरह जो भवन जीर्णशीर्ण हो गया है और पत्रकारिता की गतिविधियों के बजाए ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है उसे तत्काल धऱाशायी किया जाना चाहिए,ताकि समाज विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
पत्रकारों ने भवन की लीज समाप्त होने और उसका अधिग्रहण करके नया भवन बनवाए जाने का फैसला लेने के लिए सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद ज्ञापित किया। पत्रकारों ने कहा कि ये इतना सराहनीय कदम है कि इसके कारण राजधानी और प्रदेश भर के अधिकांश पत्रकार सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं। पत्रकारों ने कहा कि जनता का बजट चुराने वाला सत्ता माफिया अब तक मध्यप्रदेश की प्रगति में रोड़ा बना हुआ था। यह कार्य पत्रकारों और पत्रकारिता की आड़ में किया जा रहा था। जो लोग पिछले बीस सालों से प्रदेश हित में आवाज उठाने वाले पत्रकारों के खिलाफ षड़यंत्र करके सत्ता माफिया को संरक्षण दे रहे थे उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें पत्रकारों की किसी समिति में स्थान न दिया जाए।
भवन की भावी इमारत के संबंध में भी पत्रकारों ने कई सुझाव दिए। पत्रकारों का कहना था कि व्यावसायिक क्षेत्र की इस जमीन पर बनने वाली इमारत प्रदेश के विकास को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई जाए। इसका न केवल व्यावसायिक इस्तेमाल हो बल्कि वह प्रदेश की गौरवशाली इमारतों में भी गिनी जाए। इस भवन में पत्रकारों के लिए विशाल आयोजन स्थल , प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए आधुनिक हाल, अखबारों के प्रतिष्ठानों के लिए प्रकोष्ठ और पत्रकारों के लिए बैठक हाल निर्मित किया जाए। यहां सर्वसुविधा युक्त कैंटीन भी बनवाई जाए जहां पत्रकारों को सब्सिडी पर भोजन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। पत्रकारों को स्टेडियम और स्वीमिंग पूल जैसी सुविधाओं के लिए अन्यत्र मौजूदा स्थानों पर निःशुल्क प्रवेश पत्र उपलब्ध कराए जाएं।पत्रकारों ने कहा कि आधुनिक पूंजीवाद के दौर में ट्रेड यूनियन मूवमेंट समाप्त प्राय और अप्रासंगिक हो गया है इसलिए नए भवन में पुरानी यूनियनों के लिए कोई जगह न दी जाए, ताकि इस भवन को राजनीति का अखाड़ा बनने से रोका जा सके। पत्रकारों ने कहा इस नए भवन के संचालन के लिए पत्रकारों की कमेटी बनाई जाए जिसके प्रतिनिधियों का कार्यकाल निश्चित हो। यह शर्त इसलिए लगाई जाए ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति इस स्थान का दुरुपयोग न कर सके।पत्रकारों के सुझावों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि इस स्थान पर बनने वाला नया भवन पत्रकारों की तमाम आशाओं को पूरा करेगा। उन्होंने प्रदेश हित में आवाज उठाने पर पत्रकारों के प्रति आभार भी प्रदर्शित किया।

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