Sunday 15 March 2015

0 मार्च 2015 को सभी 10 याचिकाएं अदालत के सामने सुनवाई के लिए प्रस्तुत की ग

लगता है उंट पहाड़ के नीचे आने वाला है. अपने पैसे, धंधे, दलाली, लायजनिंग, शोषण, पावर से नजदीकी, सत्ता-सिस्टम में दखल के बल पर खुद को खुदा समझने वाले मीडिया मालिकों पर आम मीडियाकर्मियों की आह भारी पड़ने वाली है. लेबर डिपार्टमेंट, राज्य सरकारों, केंद्र सरकार, सीएम, पीएम, डीएम निचली अदालतों आदि तक को मेनुपुलेट करने की क्षमता रखने वाले मीडिया मालिकों को सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के आगे पसीना आने वाला है. आज मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगी दस याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित सभी मीडिया मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया हैसाथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि 28 अप्रैल को ही सुनवाई पूरी कर दी जाएगी। इस मामले पर सुनवाई के लिए आगे की और कोई तारीख मंजूर नहीं होगी। सभी पक्षों को यह भी अवगत करा दिया गया है कि वे अपनी ओर से सभी कागजी प्रक्रिया समय से पूरी कर दें ताकि 28 अप्रैल को ही सुनवाई मुकम्मल हो सके।
गत 10 मार्च 2015 को सभी 10 याचिकाएं अदालत के सामने सुनवाई के लिए प्रस्तुत की गई थीं। अखबार मालिक नामचीन वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखना चाह रहे थे परंतु अदालत ने मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट कर दिया गया कि अगली तारीख को मामला पूरी तरह से सुनने के बाद उस पर अंतिम फैसला उसी दिन सुना दिया जायेगा। इस बीच भड़ास की मुहिम पर दायर सभी आर्जियों पर भी बहुत शीघ्र सुनवाई होने की संभावना जताई गई है। सुप्रीम कोर्ट में पेश इस मामले में सभी मालिकों के खिलाफ अवमानना की अर्जी डाली गयी है।

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