Wednesday 24 June 2015

news

मित्र गर्त मे जा चुकी मीडिया संडे लाश की तरह दुर्गन्ध करती इलेक्ट्रानिक मीडिया की हकिकत से आप लोग तो वाक़िफ़ होंगे हीं पर हाथों में माइक लिए भाड़े की गाड़ियों पर इधर-उधर भागते, ख़बरों की तलाश में हकलान पत्रकारों की असलियत से भी आप को वाक़िफ़ और रूबरू होने की ज़रूरत है......देश और ख़ास कर देश की राजधानी दिल्ली के आस-पास ऐसे तमाम न्यूज़ चैनल हैं जहाँ महीनों से पत्रकारों को उनके वेतन नहीं मिले, सैकड़ो ऐसे पत्रकार हैं जिन्हें बिना किसी कारण के ख़र्च कम करने के नाम पर चैनलों से बाहर कर दिया जाता है.....दुसरों के हक़ की आवाज उठाने वाले हम पत्रकार अपने हक़ की आवाज उठाने के मामलों में इतने कमज़ोर हैं की हम तमाम शोषण और दबाव सहते हुए काल के गाल में समा तो जाते हैं पर अपनी आवाज नहीं उठा पाते.....ख़ैर में भी अपनी आवाज बुलंद नहीं कर सकता पर मैंने एक फैसला लिया है.....जी हाँ इच्छा मृत्यु का.....अदालत में याचिका लगाउँगा इच्छा मृत्यु की अनुमति का.....प्रार्थना करूँगा तथाकथित माननीय न्यायाधीशों से की इच्छा मृत्यु की अनुमति का.....अपने मौत के लिए भूख क्यों ज़िम्मेवार ठहराए.....क्यों ना उन तथाकथित हुक्मरानों और न्याय के मंदिर के देवताओं को इसका ज़िम्मेवार ठहराए जिनके झुठी अकड़

No comments:

Post a Comment